Monday 10 October 2016

अगर तुम ना होते........

इन दिनो विकास की खूब चर्चा होती है मगर विकास तो जीवन की निरंतरा से जुड़ी एक अंतहीन क्रिया है फिर भी राजनीतिक दालो की हर गतिविधि विकास के इर्द गिर्द ही घूमती है वैसे समाज व को राष्ट्र का विकास सामूहिक प्रयास से होना चाहिए | भारत जैसे देश मे , जहाँ की आबादी सवा सौ करोड़ से ज़्यादा है विकास कार्य के आँकरे को समेट पाना कोई आसान कम नही है ये तो देश का न्यूज़ चैनल और अखबार है जिसकी बदौलत विकाश की चर्चाएं लागों तक पहुंच पति है देश के चौथे स्तंभ ने विकाश के कार्य की अनदेखी और ज़िम्मेदार लोगों के हकलाते जवाब को उजागर कर के विकाश की गति प्रदान की है कभी कभी तो ये पूछने को जी मचलता है | की अगर तुम ना होते तो क्या होता, अगर तुम ना होते तो क्या होता....

No comments:

Post a Comment